Category Archives: Thought of the Day
औरों को भी जीने दो.!!
खुद जियो औरों को भी जीने दो,
मिली ज़िन्दगी बमुश्किल जी भर जी लेने दो.!
क्या खबर कल हो न हो”सागर“,
जाम है या अमृत या ज़हर जो भी पी लेने दो.!!
चार दिन की चांदनी…
चार दिन की चांदनी पर हर शख्स इतना इतरा गया,
भूल ज़िन्दगी के मायने आईने में खुदको ही निहार गया.!
ज़िन्दगी घूप-छांव से भरी है लम्हाँ-दर-लम्हाँ “सागर“,
यूँ किश्ती बहते पानी के भंवर में नादानी से उतार गया.!!
नादाँ-अनाड़ी.!!
समझें आशिक़ों को भिखारी वो मुहब्बत के मायने न जाने.!
हर किसी को मय्सर नहीं”सागर”नादाँ-अनाड़ी हैं क्या जाने.!!
हर ख्वाहिश मुक़म्मिल नहीं.!!
ज़िन्दगी में हर ख्वाहिश मुक़म्मिल हो ऐसा मुमकिन नहीं “सागर“.!
ऐसा तो होता रहता है कुछ न कुछ अधूरा रह जाता आखिर दिन.!!
भोली-भली फितरत…
न कर इनकी भोली-भली फितरत पर इतना यक़ीन”सागर“.!
पहले ब्लेंक पर भी कमैंट्स देते बाद कॉल को मिस करते.!!
परिंदे.!!
हम से बेहतर हैं फलक पर उडते परिंदे जो मनचाही परवाज़ तो चढ़ लेते हैं .!
फलक छूने की चाहत हर किसी में”सागर“कितने जो हसरत पूरी कर लेते हैं .!!
शख्सियत.//
लाखो जतन करे इंसान तब जा अपनी शख्सियत बना पाता./
पल भर की गैर-जिम्मेदाराना हरकत से ताह उम्र कष्ट पाता.//
तेरी रहमतें हैं मुझ पर.!!
तेरी रहमतें हैं मुझ पर ये गनीमत की बात है.!
मेरे मौला मुझसे थोड़ी-सी और मोहलत दे दे.!!
राहें.!!
राहें बदल लेने से गर यादें मिट जाती.!
लोग हर दिन “सागर”रास्ते बदल लेते.!!
Rahein badal lene se gar yadein mit jaati.!
Log har din “Sagar” raaste badal lete.!!
यक़ीन क़ाबील कोई नहीं.!!
न कर खुद से ज्यादा भरोसा यहाँ यक़ीन क़ाबील कोई नहीं.!
कुछ पल के मसीहा हैं “सागर” फिर अपना रंग दिखा जाते.!!
छुपाने की आदत.//
मुंह वही छिपाते जिन्हें “सागर” कुछ छुपाने की आदत होती./
चेहरा दीखाने वालों की किसे खोज-खबर की ज़रूरत होती.//
ज़िन्दगी से कोई शिकायत…
न रख खुदसे या ज़िन्दगी से कोई शिकायत
यहाँ हर हसरतें पूरी नहीं./
किसी को शिकायत चाँद न पाने की”सागर“,
किसी की कोई पूरी नहीं.//
बेबस इंसान.!!
एक यही शै है जहाँ इंसान का ज़ोर चला न बेबस हुआ है वो “सागर“.!
अच्छा ही है ज़िन्दगी देना गर हाथ होता इंसान का क्या घर-दवार होता.!!
जाने ज़िन्दगी की कब तक मौहलत…
यूँ उलझने-सुलझाने की छोड़ो यारा,
जाने ज़िन्दगी की कब तक मौहलत.!इसी कशमकश न गुज़र जाए जीवन,
कुछ लम्हों की “सागर” है ये दौलत.!!
अधूरी ख्वाहिशें.!!
ख्वाहिशें जब बढ़ने लगें “सागर” कोई तो इंतहां होती.!
वो भी कब तल्क़ करे मुक़म्मिल कोई तो अधूरी रहती .!!
दस्तक…
अभी तो सुबह हुई है”सागर“इक ख्वाब की दस्तक है .!
जो भी होगा अच्छा होगा ईश्वर आगे सर नतमस्तक है.!!
दुनियां की रीत…
यही दुनियां की रीत है”सागर“दूजे को सूधारने ने चलो.!
जो बात औरों पर थोपते हैं खुद उस पर अमल न करो.!!
ये दुनियां सुख-दुःख का”सागर”..!!
ये दुनियां सुख-दुःख का”सागर“,
फिर लोग यहाँ जीते हंस कर.!
दो पल की है ज़िन्दगी यहाँ यारो,
जी लो बस खुशियां याद कर.!!
एहमियत…!!
कुछ ख्वाहिश दिल पूरी नहीं होती,
जो पूरी हों तो उन की एहमियत नहीं रहती.!
इससे बेहतर है हसरतें हसरत रहे,
फिर मुह्यब्बत भी तो”सागर“रुस्वा नहीं होती.!!
रास्ते…!!
रास्ते वही भटकते जिन्हें खुद पर यक़ीन नहीं होता है “सागर“.!
मक़सद को पहचानने वाले रास्ते खुद-बखुद बना मंजिल पाते .!!
कभी नक़ल न की…!!
वो कौन हुआ ज़माने में”सागर“जिसने कभी नक़ल न की.!
वक़्त गुज़रे बाद यूँ सभी खुद को पाक दामन समझते हैं.!!
बनने की चाहा…
कुछ बनने की चाहा में हम खुद को भूल रहे”सागर“.!
गांव की खुशबू बस सांसों में संस्कार हम में है डाले.!!
वाणी.!!
वाणी मीठी हो या कड़वी एक वक़्त बाद शख्शियत की पहचान करा दे.!
यूँही नहीं कह गए बड़े”सागर“जो भी बोलो दिल से बोलो अच्छा ही रहेगा.!!
आदतों का मिलन…
पहले-पहल ज़िन्दगी में हर कोई अजनबी-सा ही लगे.!
कुछ आदतों का मिलन एक-सा हो जो अपना बना दे.!!
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