हम इंसानों की एक बहुत बड़ी कमी होती है!
“हम बड़ी जल्दी किसी से उम्मीद बाँध लेते हैं और जब वो पूरी नहीं होती बात दिल पर ले लेते हैं!’
क्या किसी एक सहारे ज़िंदगी गुज़रती है?
इक उम्मीद के पूरी ना होने से क्या सब कुछ ख़त्म हो जाता है?
क्या हर किसी को मुकम्मिल ज़हान नसीब होता है?
फिर दिल टूटने वाली मायूसी क्यूँ?
ज़िन्दगी बड़ी हसीन है,
दिल खोल लुत्फ़ कर उठाइए.!
ना जाने कब क्या हो,
वक़्त से पहले सम्भल जाइए.!! @ सागर
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