“लम्हे”
मुझे चाहना न चाहना
मेरे बस में नहीं,
तुझे चाहूँ तह उम्र कोई
रोक नहीं सकता.!!
पहले देश है फेर है तुझ से मुहब्बत,
जाँ देंगे देश खातिर तेरे लिए दुआएँ.!!
गर तेरी इज़ाज़त हो यारा ,
तेरे आँगन में बस जाऊँ.!!
बड़ी बड़ी बातें न किया करें
अगर निभा नहीं पते तो
हो सकता है कोई अच्छी धारणा
बना ले और आप उस पर खरे न उतरें…..
इश्क़ हम से और शिकायत ज़माने से
ये क्या बात हुई,
दुनियां कब सरहाये ये बात सब जानें
तू क्यूँ ना समझी.!!
But who’s reall,
We don’t find it.
मेरे दुश्मनों से दोस्ती की
क्या खता क्यूँ सजा थी,
चाहा दिल ओ जान से
क्या यही इक वजह थी.!!
मुहब्बत के भंवर में
किश्ती उतार कर देखेंगे,
देखते अंजाम ए खुदा
दिल उनसे लगा देखेंगे !!
कुछ लोग दोस्ती का दम भरते मगर,
नाक पर ईगो रख हर वक़्त घूमते हैं.!!
न कर इश्क़ मेरी बर्बादी से,
शम्माँ करीब आ जल जाते.!!
क्या वफ़ा करेंगे कभी जिन्हें
यक़ीन करना न आता,
प्यार का नाम सुना होगा
मगर प्यार करना न आया.!!
वादा न करो गर निभा न पाओ,
इससे ज्यादा बेअदबी और नहीं.!!
विश्वास तोड़ने वाले न वनो,
कोई विश्वास करे तो जान दे कर,
उस पर खरे उतरो……
दो चार नहीं इस दिल को चाहने वाले,
इक तू ही जिसने चाहा सरहाया मुझे.!!
सिर्फ एक मुस्कराहट से
वो दिल दे गई
नज़र फेरी ज़रा जो तो वो
बैचैन हो गई.!
गरूर था हुस्न पर बड़ा
हसीं शम्माँ को
ज़ुस्तज़ु कर रात क्या दिन
भी जल गई.!!
चेहर को छिपा किताब में यूँ न देखा करो,
यूँ भी ईद का चाँद दीदार कहाँ कराती हो.!!
वो दोस्ती किस काम की
जिसमें नाराज़गी तो हो,
मगर मनाने बाद फिर से
मानने की आदत न हो.!!
जिन्हें ईद का चाँद समझे थे
वो भी दागदार निकले,
क्यों जवानी आजकल बिन
मुहब्बत बसर नहीं होती.!!
मौत का खौफ उन्हें है
जिन्हें ज़िन्दगी से चाहत होती,
मंझधार में चलने वाले
किनारों की परवाह नहीं करते !!
गर निगाहों से पिलाओगी तो
जैसे भी हो जी लेंगे,
वरना ज़िन्दगी तेरे बिन बसर
हुआ करे कैसे बता.!!
ए हुस्न हमें देख चहरे पर
नक़ाब न डाला करो,
एक तो वैसे भी मिलती न
फेर कुफर करती हो.!!
यूँ चुपके से आना ख्यालों में
दांतों तले ऊँगली दबा मुस्कुराना,
इश्क़ न तो और क्या है बता
दुआ यही तह उम्र यूँही मुस्कुराना.!!
कुछ तो बात है तेरी बातों में
बतियाने को जी चाहता,
लम्हें दर लम्हें ग़ुज़रें फिर भी
दिल है के भर नहीं पाता.!!
न कर मुहब्बत बेशक मगर
रक़ीबो से दोस्ती न कर,
दिल औ जान से चाहा तुझे
बेशक एतेबार न कर.!!
मौत इक दिन आनी है
सब कह गए ,
फिर भी कोई में गुन्हा
सब कर गए.!!
इक फॉलो तो कर न सकती इश्क़ खाक करोगी,
यूँ भी हमने हुस्न पर एतेबार करना छोड़ दिया है.!!
सूरज चढ़ा सुबह हुई
ये तो होना ही था,
जाने कब शाम होगी
ज़िन्दगी की पता नहीं.!!
यूँ जो साँझ सवेरे मिलने आते हो
धड़कन की उम्र बड़ा जाते हो,
ज़िन्दगी जितनी देना चाहो दे दो
जीने की चाहत बड़ा जाते हो.!!
न बिखरा जुल्फों का दामन यूँ,
किसीका दिल मचलता देख के.!!
मेरे हाथों में तेरे नाम की लकीरें तो थी मगर,
कुछ तो कमी रही तेरी चाहत में तेरे हो न सके.!!
नाराज़गी बेशक न कहो आँखों से बता जाते,
इश्क़ में तुमने ये हुनर भी खूब सीख लिया है.!!
शौख निगाह से देख मुस्कुरा कर
यूँ गुस्ताखियां न किया करो !
कसम खुदा की घायल दिल का
ज़ख्म भरने में वकत लगता.!!
अब तक किसी से लगाया नहीं,
क्या जानें दिल की क्या आदत है.!!
एक मुद्दत बाद तुझ सा हसीं पाया है,
और बात फिर भी तू न समझ पाया है.!
ज़िन्दगी बस गुज़र रही थी जैसे तैसे,
तुझ में जन्मों की मुहब्बत को पाया है.!!
ना दिखा यूँ चुडिया खनखा खनखा,
यूँही तेरी आँखों ने मदहोश कर रखा.!!
इक रात का मुसाफिर नहीं दो घूंट पी भूल जाऊंगा,
जन्म जन्मों साथ चल सकता आज़मा कर तो देख.!!
चोट लगती है तो दर्द भी होता है,
मगर मेरे ज़ख्मों की मरहम है तू.!!
एक तरफ गेंहूं की बालियान
उस पर तेरा मचलता यौवन ,
उफ्फ सम्भलता नहीं दिल देख
अपने खेतों का ये मिलन.!!
जो जो सुपने देखे सै
दुआ रब्ब से सारे हों पूरे,
घणा अच्छा लागे सै
जब छोरी आगे बड़े सै.!!
ना कर अपनी रौशनी पर इतना गरूर,
सुबह का सूरज साँझ होते ढल जायेगा.!!
इन आँखों में बसे सपनों में
मुझे यूँही कैद रखना,
रहूं या न रहूं फिर भी सनम
यूँही प्यार करते रहना.!!
न कर इतनी मुहब्बत
जी मर भी न पाऊँ,
जीने की ख्वाहिश गर
करूं जी ही न पाऊँ.!!
हमारा कोई प्रेमी ही नहीं
तो हम क्या मांगे ,
चलो छोड़ देते सब
मुक़म्मिल दिया उस ने.!!
अपनी सखियों से कह दो
मेरा नाम न किया करें,
दुःख नहीं हम बदनाम होते
तुझे रुस्वा न किया करें.!!
जब से मिले हो न आँखों में नींद और न क़रार,
सोते जागते तेरा ही ख्याल लगता हो गया प्यार.!!
कौन कहता तेरा शहर छोड़ गए,
दिल में तो देख ठिकाना बदला है.!!
दो चार नयीं
साढ़े दिल दे सनम,
इक तुस्सी
जिन्नू चाहया दिल ने.!!
तेरे चेहरे में मुझे खुद जा अक्स नज़र आता,
जिधर देखूं जान ए जान बस तू नज़र आता.!!
Yun Ishq na kr khwabon se,
Suna hai kbhi pure na hote.!!
तेरे वादों के नग्में तेरी गलियों में गाये,
बेवफाई की बाते कभी भुला न पाए.!!
क्या खूब उनकी अदा है यारो,
ISHQ
खुद करते गुनहगार दूजा बताते.!!
इन शरबती आँखों से पी लेने दो
कुछ यूँ ज़िन्दगी बसर कर लेने दो,
रात दिन है बेकरार दिल ख्यालों में
बस इसी तरह से यारा जी लेने दो.!!
आदमी चाहे भी तो
धरती आसमाँ
मिला सकता नहीं,
मालिक मर्ज़ी बिना
एक पत्ता भी
हिला सकता नहीं.!!
इश्क़ में जीने की ख्वाहिश
तो कभी की छोड़ दी,
और बात मनचाही कब
पूरी होती हर किसी की.!!
बंद होने होंगी जो आँखें
नज़रों के सामने रहना,
क्या खबर अश्क़ देख वो
बदल दे अपना फैसला.!!
Her eyes are
Poet’s dream
Her lips are
Like patal of rose
Her friends said
She’s mine
Only mine…..
दिल को गंवारा नहींऔर से बतियाये
याद रख मेरे हर ख्वाब की ताबीर हो
क्या खूब उनकी अदा है यारो,
ISHQ
खुद करते गुनहगार दूजा बताते.!!
जाने क्या बात
जो पुकारा सखियों ने तुझे,
मेरा नाम निकला
ज़ुबाँ से तेरे नाम से पहले l.!!
चांदनी रात ईच
ओ साढ़े नाल से,
रूह दे मेल सी
तन बेशक जुदा.!!
खत लिखे तेरी याद सरहाने रख सो गई,
सुबह जब उठी तो आसुंओं से मिटे थे.!!
किन्नी तू कन्ना दी कच्ची
होर दी गल्लां च आ,
दिल दी यारियां तोड़ दी
वाह सदके जावां.!!
Posted on July 17, 2022, in लम्हें. Bookmark the permalink. Leave a comment.
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