Moti
जितनी मोटी है तूं
काश तेरा दिल भी उतना होता…
मेरे सीने में रहती है
सबको कम से कम ये पता होता…
न छेड़ने का चक्कर
ना कोई और झोल झमेला होता…
अपनी भी सेहत होती
कुछ रोटियों पे हक़ मेरा भी होता…
Posted on January 30, 2022, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. Leave a comment.
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