Lamhein


यक़ीन खुद पर न तह और ख्तागार हमें बना दिया,
दे दिल अपना उन्होनें गुनहगार हमें ही बता दिया..
नाज़ खुद पर और अपना दिल किसी को न देने पर,
देख जब हमें खुद को हमारा तल्बगार बना लिया…

चाय के बहाने करीब बुलाने
की कोशिश न कर,
बाद पछताएगी दिल लगाने
की कोशिश न कर…

यूँ सज धज आजकल रातों को तुम छत पर न आया करो,
बला की खूबसूरत हो कोई नादानी कर बैठेगा चाँद समझ…

किसी नूर ए नज़र की इधर भी इनायत हो जाती,
माशाल्लाह फिर ज़िन्दगी की तस्वीर बदल जाती…

मैंने मुहब्बत के चिराग जलाये तेरे नाम से,
हों क़बूल गर आँधियों में भी रोशन रखना…

हज़ार कोशिशें करे इंसान होता
वही जो मंजुए ए खुदा होता…
उसकी रज़ा में भी कोई राज़ रहे
बंदे लिए वो अच्छा ही चाहता…

न कर मेरे दिल की चौखट पर दस्तक,
पहले भी दरवाज़ा खोल पछताया हूँ मैं…

थक गया चलते चलते
अपनी पलकों की छांव में रह लेने दो..
कुछ इसी तरह से अब
ज़िन्दगी की आखिर शाम कर लेने दो…

इससे पहले तुझे बंदरिया कहूं आजा,
नहीं तो दूसरी डाल पे कूद जाऊंगा…

Tujhe paane ki chah mein hr
cheez se Tauba krli,
Ab hr Dost mein bs Raqeeb hi
nazar aate…

मैं तुम्हीं को आज तुम से मांगता हूँ,
लोग कहते सारी खुदाई चाहता हूँ…

अपनों को हरा किसने चैन पाया”सागर”,
इश्क़ करने वाले बस प्यार करना जानते…

मैं सितारों से ज़रा कम ही बात करता हूँ
मेरा दिल चाँद पर ही बस आया है…
क्या पता तुम हो ये है या वो भी हो सकती
यूँही न कलियों ने जोखिम उठाया है…

अपनों को हरा किसने चैन पाया”सागर”,
इश्क़ करने वाले बस प्यार करना जानते…

Teri taqdeer achhi hai
kreeb nhin,
Warna teri nak pkd
kheench lete or…

देखो हूँ ज़िद्द हर बात पर न किया करो,
गर है.मुहब्बत रात जग बाते किया करो…

मुहब्बत का वास्ता देने बालों में
वफ़ा का कब साथ दिया…
घर लगे तो आग
बाहर बसंती समझ लिय…

ये कैसी शिद्दत तुझे पाने की
हर दुआ बस तुझे मांगने की…
मुहब्बत तुझ संग कब इंकार
ज़िद्द है तेरे दर जाँ लुटाने की…

देते हो दगा इंसानों को
उसे तो बक़्श देते…
फिर देखते गुलशन में
फूल खिल गए होते…

उठे हैं हाथ जब तब दुआ को
तेरी तस्वीर नज़र आयी…
भूलना चाहा है जितना मगर
इतना ही मुड़ याद आयी…

खबर इस दिल को गैर है
किसी और की अमानत भी…
दिल का क्या करूं बता
तुझे चाहता तुझपे मरता भी…

Your eyes are so Beautiful👌
like a Paradise 🌹
Please give me on lease❤️

जब भी सोचा चाहें किसी को
पीछे पीछे कई मरने चल दी..
क्या करें यारो अब तुम्ही कहो
यूँ ज़िन्दगी तन्हा बसर कर दें…

खबर इस दिल को भी”सागर”
दुनियां में रंज ओ गम बहुत…
ज्यादा न सोचा करो हम हैं न
तुम्हारे मुस्कुराने की वजह…

उफ़ कितनी ज़ालिम होती हसीनायें
टेस्टीमोनिअल्स का वादा कर टेस्टीमोनियल लिखती…
दीवाने ख्वामखा इनकी कीमत बढ़ते
लांगुरनी को हूर बता सूखे चंने के झाड़ पर खूब चढ़ाते…

बस यादें लिए बैठी रहना🍭
कोई दूसरी ले❤️
फुर्र हो जाएगी

न कर कोशिशें जुल्फों में कैद करने की यूँ,
और होंगें जिन्हें घटाओं में जीने की आदत…

तेरी ख्वाहिश तेरी हसरत
मेरी ज़िन्दगी की चाहत,
तू नहीं गर तो फिर ज़िन्दगी
किस काम की बता..

कई होंगे तेरे पास चाहने वाले यहाँ,
हमारे पास तो एक तेरा दिल ही था…

धोखा देने की आदत कभी न होती परिंदों में,
कोई अपना बन टहनियां हिलाये तो क्या करे…

ए वक़्त यूँ ही ज़रा ठहर जा
अभी अभी तो मेरा यार आया है…
अपनी कह ले कुछ मेरी सुने
अभी अभी तो ज़रा मुस्कुराया है…

मेरी ज़िन्दगी में आना और मुस्कुराना
किसी ख्वाब से कम न था,
या खुदा ये मैं क्यूँकर भूल गया ख्वाब
हक़ीक़त नहीं होते कभी…

ए इश्क़ सुबह हो चुकी सूरत तो दिखला जा,
यूँ भी रात चाँद का दीदार कर जागते काटी…

इतना न तरसाया कर
है प्यार तो सही वक़्त कर…
शर्म न आती रात सोने न देती
सुबह तो मुखड़ा दिखाया कर…

अपने इश्क़ में क्यूँ इस क़द्दर कैद करते हो,
महफ़िल हमारी में भी तुम्ही राज करते हो…

किसने कहा हमारी मुहब्बत में गिरफ्तार हो,
दिल अपना संभलता नही इल्जाम हमारे सर…

उम्मीद पर दुनियां क़ायम है “सागर”,
आज उसका दिन कभी अपना आएगा…

ज़िन्दगी की शाम मुख़्तसर तेरी गली होगी,
तुझसे वादा है ये भी निभा कर ही जाएंगे…

इक पल में चढ़ती दूजे में उतरे
ये है आजकल की मुहब्बत…
अब प्यार व्यापार बन चूका है
मोल भव कर होती मुहब्बत…

क्या खूब शरारत है की मेरे मौल्ला,
उनसे मिलाया भी और दूर कर दिया…

न कर उनसे इतनी मुहब्बत “सागर”,
जो मर जाएँ तो वो जी न पाएं
और जियें तो उनके हो न पाएं…

ए शाम कभी तो ढलेगी
कुछ खाहिशें अधूरी छोड़…
क्या करूँ इंसान हूँ मैं भी
हर शय पाने की चाहत है…

भोलेनाथ से प्यार है मगर तुझसे भी प्यार है,
तुझसे ही इक़रार और तू ही तो सच्चा यार है…

इतने फूल भेजूंगा तुझे🌹🌹
के पट जाएगी…❤️
प्यार करेगी तन्हाई में💘💘
बस उफ़ उफ़…😩

यहाँ नखरे सहने की आदत नहीं,
जिसे जाना वो जाये मनाएंगे नहीं…

About Dilkash Shayari

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Posted on January 30, 2022, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. Leave a comment.

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