Gazal
ओ मेरी जान ए ग़ज़ल
मेरे शेरों में तेरा तस्सव्वुर
मेरे गीतों में तेरी महक
तेरी सांसों में मेरी धड़कन
ओ मेरी जान ए ग़ज़ल…
तुझे देखूं तो होती सुबह
तेरे बिन रहे है साँझ ढली
ओ मेरी जान ए ग़ज़ल…
और को चाहे गंवारा नहीं
कोई और मेरा सहरा नहीं
ओ मेरी जान ए ग़ज़ल…
“सागर” में हैं मौजें बहुत
मगर तुझसा इशारा नहीं
ओ मेरी जान ए ग़ज़ल…
Posted on January 30, 2022, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. Leave a comment.
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