लम्हें
यूँ तेरा रुक रुक आना शर्मा चले जाना l
इक इशारा है तुझे भी प्यार होने लगा है ll
यूँ चेहरे को छुपा घर में न रहा करो
किसी शाम बाहर गली में मिला करो l
दिल मचल रहा बहुत कुछ कहने को
हाल-ए-दिल कहने का मौका दिया करो ll
मैं रहूं न रहूं हमारी मुहब्बत ज़िंदा रहनी चाहिए l
मेरे दिल में क्या है ये बात तुझी तक रहनी चाहिए ll
Dukh is baat ka nahin log kya kahte l
Gum is baat ka hai tum kya sochte ll
आज शाम रंगीन होगी
अपनों के बीच होगी.!
पर अधूरी ख्वाहिश होगी
मेरी ना तस्वीर होगी.!!
तेरी यादों को दिल में सजाये फिरते हैं
फिर भी कहते हो की हमें मुहब्बत नहीं.!
वक़्त आएगा यक़ीनन एक दिन देखना
फिर उस दिन हम नहीं मगर तुम भी नहीं.!!
हम रहेंगे न अब मगर ऐसा कुछ कर जाएंगे.!
वो ज़िंदा तो रहेंगे पर घुट घुट याद कर मरेंगे.!!
Silence……..
Is the best way for Self Control.
तेरी बेवफा सी आँखों में
वफ़ा की उम्मीद कैसी.!
तुझे शौक़ नए हाथ थामने का
हमसे उम्मीद कैसी.!!
Posted on December 17, 2020, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. Leave a comment.
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