लम्हें
मेरे अरमानों की कुछ ऐसी होली जली,
दिल-ए-गुलशन की न खिल सकी कली.!
कभी फुरसत मिले तो पीछे मुड देखना ज़रूर.!
ज़िन्दगी में क्या ठुकराया और क्या खोया यहाँ.!!
कुछ अच्छा करने की चाहा में कई दिल तोड़ दिए,
मगर हक़ीक़त ये है यहाँ हक़ीकत की कीमत नहीं.!!
अपने दिल से पूछो ये सवाल क्यों प्यार करते हो,
कुछ तो हमारी भी खता होगी जो करते एतबार.!!
मुहब्बत में जिस्म से जिस्म का मिलना ज़रूरी नहीं,
अफ़सोस आज बिस्तर बिन मुहब्बत मुक़म्मिल नहीं.!!
रात को तेरी नज़रों में बसने वाला नवाब हूँ मैं,
सुबह उठ Unfollow करने वाला ख्वाब हूँ मैं !!
जली कटी सुनाने में तेरा कोई भी तोड़ नहीं,
तेरा प्रेमी कोई और है मुझ पे तेरा ज़ोर नहीं.!!
जैसी भी तुम हो मेरी नज़रों का नूर हो,
चाहूंगा ताह उम्र बेशक तुझे नामंज़ूर हो.!!
हर Atitude रखने वाली को Unfollow कर दिया,
क्यूंकि हम भी Handsome हैं और Atitude रखते.!!
हाँ जी हाँ क्यों न करेगी साइंस की पढ़ाई दूजे की
तस्वीर जो दिल में बसाई,
जाती है मेरी जान जाये तेरी बला से तूने तो करनी
चढ़ाई खानी है रस मलाई.!!
एक काम कर बोरिया बिस्तर उठा और सीधे मेरे,
घर चली आ जो सच में थम सा गया है सब कुछ !!
हक़ीक़त में जीना है
हक़ीक़त में मरना,
हक़ीक़त ये है की तू
अब मेरे पास नहीं.!!
कोई बात दिल से कह के सारी उम्र तुझे याद रखूं,
दिल को छु जाए तुझे अपना बनाने की चाहा रखूं.!!
ये ऊँची इमारतें किस काम की गर दिल में सकूँ नहीं,
गरीब की झोंपड़ी में जा देखो मुहब्बत की गंगा बहती.!!
मेंढक जैसी आँखें इसकी
घोड़ी जैसी चाल,
सर पर लगा के टोपी रखे
छुपाती गंजी बाल.!!
इक बार हाँ तो कर खुदा को भी मना लूंगा,
तक़्क़्दीर का क्या फिर पल में बदलवा लूंगा.!!
मृत्यु वास्तविकता है किन्तु
इंसान फिर भी मोह माया
नहीं त्यागता !!
उनकी आँखें हैं जैसे
फलक पर चमकते
हैं रोशन सितारे,
आधी रात को भी
जगती याद करा करा
हो गए हम बेचारे !!
क्या सच में इतनी सुन्दर हो या डी पी में चुराई पिक लगा बैठी हो,
सच सच बताना तड़पाओ ना कई दीवानो का चैन ही चुरा बैठी हो.!!
बहुत कुछ जहाँ में तेरे मांगने के लिए,
एक हम ही नहीं ज़रूरी जीने के लिए !!
एक को चाहेंगे एक को पूजेंगे और उसी खातिर जान देंगे ,
वो कभी पसंद नहीं एक को ख्वाब दिखा दूसरे भी साथ रखें..!
ज़िन्दगी में आज दिल का साफ़ होना गुनाह हो चला /
अबतो किताबों में ही ये शब्द बहुत अच्छे लगते यारो //
ज़िन्दगी बहुत प्यार तुझ से किया है हमनें मगर l
तेरी आदत बेवफाई की एक दिन कर के रहेगी ll
ये जो छुप छुप रातों को बात करती हो l
सच बोलो क्या दिल से प्यार करती हो ll
बहुत शौक़ है ना I Love U Love U करने का l
चल आ रोज़ रात 11 से 3 Duty पर ll
एक तेरी पढ़ाई फिर अदाओं का सितम l
मारडालेगी एक दिन हमें फुर्सत में सनम ll
वक़्त रहते जो सम्भल जाते
तो अच्छा था l
मगर उसे आदत थी हर बात
बहसबाज़ी की ll
ज़िन्दगी बहुत प्यार तुझ से किया है हमनें मगर l
तेरी आदत बेवफाई की एक दिन कर के रहेगी ll
उन्हें दीखते हैं बस “रवि” अपने रंज ओ गम l
कभी फुरसत निकाल इन आँखों के आसूं देख लेते वो ll
बुझने से पहले लौ की फड़फड़ाहट है l
दिया प्यार का जो हमनें जलाया था ll
All chapters are feel good,
If your partner is Loyal
एक तेरी पढ़ाई फिर अदाओं का सितम l
मारडालेगी एक दिन हमें फुर्सत में सनम ll
ये जो छुप छुप रातों को बात करती हो l
सच बोलो क्या दिल से प्यार करती हो ll
अपने मौत का मंज़र दिखा वफ़ा साबित कर जाएंगे l
मेरे मेहबूब इक तुझे ही आखिर साँस तक हम चाहेंगे ll
ना शौक रख गलतफ़हमी का l
हम जाते तो वापिस न आते ll
बेशक मौत तो एक दिन आनी है
ज़िन्दगी हसीं है बात पहचानी है
उन को कुछ यूँ चाह बैठे हैं
के ये दुनियां भूल बैठे हैं l
सोते जागते उनका तस्सव्वुर
दिल से मजबूर हो बैठे हैं ll
दिल की तो बात न कर “रवि’ सम्भल l
आजाये तो जीना मुश्किल हो जाता है ll
खुद से और खुदा से भी किया इश्क़ l
ज़िन्दगी तो वही जो तेरे साथ बसर हो ll
चाहत का सरूर है मुश्किल भरा
जिसे चढ़ा बर्बाद हो दर दर फिरा
फन्हा होती ना मुहब्बत आज नहीं l
सरूर ए उल्फत ने रुस्वा ही किया ll
मंज़िल गर सामने हो”रवि”तो l
मुक़ाम खुद बखुद मिल जाता ll
इक बार राज़ ए दिल तो बता फिर देख l
मक़सद मिलते ही मंज़िल असां हो जाये ll
शुभ रात्रि शब्बा खैर Good Nigh l
ज़िन्दगी रही तो मिलते “रवि”दोबारा ll
ख्यालों की बस्ती है,
जो चाहे दिल बना लीजिये l
ज़िन्दगी यहाँ सस्ती है,
प्यार की उम्मीद न कीजिये ll
सुप्रभात..!! 🙏🌹🙏
ज़िन्दगी अनमोल है
बे-मोल की नाराज़गी ll
देखो यूँ रूठा न करो
किसीको याद आती है ll
तेरे क़दमों में तेरी पन्हाओं में रहते हर निगहाओं में /
फिर भी तुम्हें यक़ीन न तो जाँ दे देते हैं तेरी राहों में //
Mere mehboob mujhe apni bahon ka sahara de /
Jin mein so kar main sakun se zindagi basar kr skun //
जिसने न पाया विश्वास किसी का
उसका वज़ूद खत्म हो गया l
बेशक हो वो कितना भी मशहूर
जीने का मकसद खत्म हो गया ll
उतारी हमने क़िश्ती इश्क़ के दरिया में l
किनारे लगाए उस साहिल की तलाश में ll
नज़रें ज़ुबाँ बन जाती सासें पैगाम l
इश्क़ के मौसम में ऐसा हो अंजाम ll
एक सर्द सुबह ज़िन्दगी की फिर नसीब हो आई है l
कौन जाने वो आखिर शाम फिर सुबह नसीब न हो ll
आँधियों ने कुछ कहा तूफ़ान ने कुछ,
मगर ज़िन्दगी हर वार सह आगे बढ़ती गई l
यही जीवन है यारो यही एक हकीकत,
वक़्त का जो सामना करे वही नैया पार हुई ll
तेरी चूडियाँ और माथे की बिंदिया
मेरे दिल का चैन चुराती हैं l
फिर कहती तुम न इश्क़ करो भला
सामने क्यूँ सजधज आती है ll
Dear God.
Let every person
fulfill their desired
wish,Except evil.
अखियां उडीकां कर कर थकियाँ,
कब आओगे बोलो न l
के महारि सज़ा केसे महारा कसूर,
कद मानोंगे बोलो न ll
ज़िन्दगी की आखिर शाम,
तुम्हारी जुल्फों तले गुज़रे l
यही दुआ है बस क़बूल हो,
मौत भी कुछ हसीं गुज़रे ll
At one stage
I think we’re
made for each other,
but very next seconds
I think
our thinking is different.
जो न कर पाया अपने
माता पिता की सेवा छोड़ उन्हें l
उसके पास सब कुछ पर
दुनियां का विश्वास अधूरा ll
रात गुज़रो है तेरे ख्यालों में,
सुबह को फिर भी तू न आई l
यूँ एक दूसरे से दूर हो जाएंगे,
कभी ये बात गवारा न हो पाई l
बहुत लफ़्ज़ों में नहीं चंद दिल-ए-अल्फ़ाज़ ही काफी हैं बयाँ करने को गर गर्व से कहते हैं l
एक वतन एक जान हैं एक को छोड़ सब बहिन भाई हैं हिंदुस्तान हमारी शान है ll
Life is a Challenge,
Except it’s each & every
Movement.of your
Life…..
तूने क्या खोया है क्या पाया
याद आएगा साथ गुज़रा वक़्त मेरे जाने के बाद l
दुनियां का दस्तूर न क़द्दर कभी
रंग लाती हिना”रवि”पत्थर पर पिस जाने के बाद ll
ज़िन्दगी के दौर में ये मैं कहाँ आ गया
पतझड़ के मौसम सा जैसे मैं मुरझा गया हूँ l
शाख से टूटे पत्ते सा वज़ूद है आज मेरा
दुनियां-ए-रंज-ओ-गम सहते कहाँ आ गया हूँ ll
ऐसी कोई वजह भी तो बता
के दिल से निकाल पाऊं तुझे l
बड़ी सिद्दत से घर में बिठाया
ये घर अब उझड़३ पाऊं कैसे ll
वादा..!
चिराग उल्फत के
जलाये रखना
वादा है शाम तेरी
गली ही होगी ll
सकूँ मिलता गर बाज़ारों में,
लोग दर दर क्यूँ भटकते फिर l
अमीर के घर गूंजते कहकहे,
गरीब सकूँ से रात सौ न पाता ll
तूने क्या खोया है क्या पाया
याद आएगा साथ गुज़रा वक़्त मेरे जाने के बाद l
दुनियां का दस्तूर न क़द्दर कभी
रंग लाती हिना”रवि”पत्थर पर पिस जाने के बाद ll
हम भी गैर हैं और की हैं अमानत l
रूठा न कर दुआ है तू रहे सलामत ll
सकूँ मिलता गर बाज़ारों में,
लोग दर दर क्यूँ भटकते फिर l
अमीर के घर गूंजते कहकहे,
गरीब सकूँ से रात सौ न पाता ll
झूठी थी वो और झूठी उन की मुहब्बत l
ज़रा सी आँख हटी गैर बाँहों में समा बैठे ll
न टूटे दिल से बात कर ज़िन्दगी न मुश्किल मिलती l
खुदा की हर बात में वजह अपनी राजा यही जाने ll
इक उम्र के बाद मंज़िल और न ही
ठिकाने का पता l
ख्वाहिश भी अपने हाथ न होती
न पूरी होने का पता ll
शाहजहां ने बनाया मुमताज़ महल
उनके प्यार की निशानी है l
ये मेरे शेर ओ शायरी तेरी नज़र है
दुनियां दोहराये वो कहानी है ll
अगर तन्हाई ल सताने लगे याद हमारी आने लगे तो l
चले आना ये घर पहले भी खुला था आज भी खुला ll
मेरा खत मेरा है पैगाम
इस मिटटी इस वतन के नाम l
जीने मरने की चाह है तो
ज़िन्दगी हो अपनी देश के नाम ll
मेरा एक सपना है कोई मुझे चाहे अगर
वो मुझे चाहे वही वही मेरा अपना हो l
और को ना देखे और को ना चाहे फिर
उसकी आँखों में बस मेरा ही सपना हो ll
Happy Gurunanak Jainti..!
दिल नाल दिल तै
बन्दे नूं बंदा समझो l
एही गुरुनानक जी दी
सच्ची अरदास ll
छुप छुप कर न देखा करो के
शक में पड़ जाएँ l
इस क़द्दर भी न चाहो न मिले तो
मर ही न पाएं ll
Yun zor se na hansiye l
Dil kaanch ka tut jayega ll
Posted on December 5, 2020, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. 2 Comments.
dilsedillagi
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dardedastanshayr –
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