इससे पहले किसी और का हो जाऊं आ कर मिल..
मौत को अपनी दुल्हनियां बनाऊं आ कर मिल..!
न खेल आग से शोला हूँ मैं जल जाएगी..
अमानत मैं किसी की उम्र भर पछताएगी..!!
अजीब है यारो दुनिया छत पर चढ़ ताली तो बजाती..
वक़्त गुज़रे बाद उन्ही को Hate u कह मान बढ़ाती..!!
रात ये कह कर छेड़ती अबतो तन्हा ही बितानी होगी…
चैन से सो ना सकेगा खवाबों में उनकी तस्वीर सताती रहगी..!!
इक शौक सा हो गई आज उल्फत,
यहाँ पल हर पल आशिक़ बदलना जारी..
वो वक़्त गुज़रा जब मुहब्बत खातिर,
मीरा ने ज़हर पिया फरहाद ने जां लुटाई..!!
तेरे माथे की बिंदिया मेरे दिल का चैन चुराती..!
यही जीने की उम्मीद होने का अहसास कराती..!!
एक मुहब्बत ही नहीं सब कुछ जीने के लिए,
पीछे कई अपने और उम्र भर रोने के लिए..
सोच उनका जो यहाँ तक लाये उन्मीद पाले,
कुछ फ़र्ज़ नहीं क्या उनके सपनों के लिए..!!
जबसे तुझ संग अखियां हैं लड़ी तनहा दिल बहुत सोचता है..
क्यों बेचैनी सी रहती नींद न आती क्या प्यार ऐसा ही होता है..!!
Gazzl
जीवन की कंटीली राहो पे हिम्मत कर बढ़ जाना तुम..
बुरे हैं बेशक माना मगर कभी हमें भूल न जाना तुन..!
कुछ हम पागल कुछ तुम दीवाने अब मान भी जाओ..
बीती बातें भुला खवाबों में लाला हमें मुस्कुराना तुम..!!
प्यार मुहब्बत सब खेल समझना फितरत नहीं हमारी..
क्यों कर भूल जाएँ हो मिला खुदा का नजराना तुम..!!
कुछ मजबूरियां तुम्हारी तो कई गम इस जीवन में भी..
सबसे निजात मिलती तुनसे जीने का हो बहाना तुम..!!
दुनियां मुंह मोढ़े चाहे तो रब्ब भी रूठे तुम साथ देना..
इन सांसों की अंतिम डोर तक बस न ठुकराना तुम..!!
Posted on May 1, 2020, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. Leave a comment.
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