सुप्रभात…..
कोई बोले सुबह की लाली,
कोई कहता साँझ की बेला है.!
मैं मानूं वो मेरी ज़िन्दगी है,
किसी की नहीं मेरी चांदनी है.!!
सुप्रभात…..
पहले ही कुछ कम घायल थे ‘सागर‘./
जो एक्सीडेंट करा घायल हो बैठे हो.//
Posted on August 11, 2019, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. Leave a comment.
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