मुक़द्दर.//
ये भी मुक़द्दर की बात”सागर“तन्हाइयों में ही मिले तो./
कुछ ऐसे भी बदनसीन जो ताह उम्र तरसते दीदार को.//
Posted on June 8, 2019, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. Leave a comment.
ये भी मुक़द्दर की बात”सागर“तन्हाइयों में ही मिले तो./
कुछ ऐसे भी बदनसीन जो ताह उम्र तरसते दीदार को.//
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