हासिल.//
शम्माँ जलती मगर रोशन जहाँ कर जाती,
परवाने आते करीब जल मशहूर हो जाते./
उल्फत की ऐसी ही दास्तान रही “सागर“,
दीवाने हासिल की परवाह किये मिट जाते.//
Posted on June 5, 2019, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. Leave a comment.
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