सूना-सूना लगता जहाँ तेरे बिना.!!
सूना-सूना लगता जहाँ तेरे बिना साजना .!
अब आ भी जा यूँ न तड़पा मुझे बालमा.!!
क्या खता की है ये तो बता,
खफा है क्यों कुछ तो सुना,
जान लेकर ही क्या मानेगा औ जालमा…
ख्यालों में एक तेरी तस्वीर,
नाम से नसीबों की लकीर,
अब मुझ को न ठुकरा यूँ अरि जानवां…
Posted on May 28, 2019, in Nagama-e-Dil Shayari. Bookmark the permalink. Leave a comment.
Leave a comment
Comments 0