माँ…!!
जो शीश माँ के चरणों में झुकाते,
वही ज़माने का विश्वास पाते हैं.!माँ के कदमों तले ज़न्नत का सार,
जीते जी यहीं स्वर्ग पा जाते हैं.!!
सुना है रब्ब होता पर देखा नहीं,
देखी बस माँ की मधुर छाया.!पैदा किया दूध पिला बड़ा किया,
फिर भी बगावत कर जाते हैं.!!
जिस ने न किया माँ का आदर,
उसने न पाया कहीं भी प्यार.!अपनी जननी को न मानने वाले,
सम्मान कहाँ कहीं पाते हैं.!!
Posted on May 26, 2019, in Nagama-e-Dil Shayari, Thought of the Day. Bookmark the permalink. Leave a comment.
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