मुझे बेवफा न कहना यारो.!!
जाने किन-किन हाथों मैं पाथी गई,
किन-किन कन्धों चढ़ा ढाली गई,
मुझे बेवफा तुम न कहना यारो.!
मंदिर लगी तो मैं हिन्दू हो गई,
मस्जिद लग मुसलमान बन गई,
मैं ईंट हूँ मेरी यही कहानी यारो.!!
Posted on April 21, 2019, in Shayari-e-Watan. Bookmark the permalink. Leave a comment.
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