पहली बार…//
ज़िन्दगी में पहली बार किसी से मुहब्बत होने लगी थी…
पर उनकी बात बेबात की बहसबाजी और अपनी ही बात
मनवाने की आदत ने राहें जुदा कर दी…
वक़्त रहते गर वो संभल जाते तो अच्छा था./
ना वो संभले ना हम और राहें जुदा हो गई.//
ज़िन्दगी मुहब्बत से मांगती तो तस्वीर क्या अपनी जान भी दे देते./
मगर तुझे तो हर बात पर ज़िद्द रही है अपनी ही बात मनवाने की.//
Posted on February 9, 2019, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. 2 Comments.
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Thanks…Indira ji
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