Miss you…
अपने-अपने नसीबों की बात है “सागर,
किसी को मिला कोई महरूम रहा.!प्यार की खोज में भटका हर कोई मगर,
इक खाली कहीं पत्थर में रब्ब मिला.!!
You’re not here,
But your memories are always with me…
That loving words,
Fighting with me in full night in short poems…
Never never forget…
Miss you…
बहुत चाहा था तुझे समझाना,
पर हाल-ए-दिल कह ना पाए.!गल्तफहमियाँ कुछ ऐसी बड़ी,
माफ़”सागर“को कर ना पाए.!!
Posted on February 4, 2018, in Romantic Poetry(English), Shayari-e-Dard. Bookmark the permalink. 17 Comments.
बहुत खूब लिखा है
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धन्यवाद् रानी जी…
दिल से निकले ख्यालों को बस लफ़्ज़ों में उतारने की नाकाम कोशिश की है…
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अच्छी कोशिश है ऐसे ही लिखते रहे आप
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जब कोई बात दिल से लिखी जाती है तभी अच्छी कविता की रचना होती हैं
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लिखने वाले की कोशिशें तभी कामयाब हैं “सागर”,
जो कोई दिल से समझने वाला मिले.!
महफ़िल में होते हैं कई वाह-वाही करने वाले मगर,
दाद वही जिस पर कोई ताली मिले.!!
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बहुत खूब
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ठीक फ़रमाया आपने रानी जी…
तभी कह गए सयाने…
दिल का क्या है,
दिल है कि मानता नहीं.!
बेवजह तड़पता,
अन्जाम जानता नहीं.!!
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शुक्रिया रानी जी
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🙏🙏
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Sam Kon hai?
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Poet’s Dream…
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Okay
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Welcome.
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Beautiful…
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Wah🙌
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Thanks.
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Shukriya.
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