जाते इंसानों से नाराज़ ना रहते…
खुश रहना यारो हम तो चले,
आप की दुनियां से बहुत दूर चले.!…
जो भी मिला बहुत खूब मिला,
कोई गम नहीं खुश होकर हैं चले.!!…
कुछ गिले-शिक़वे ज़रूर होंगे,
अफ़सोस वादों को ना निभा चले.!…
यादें अपनी और बातें आपकी,
यारो अपने साथ-साथ लेकर चले.!!…
कोशिशें की हैं सब भुलाने की,
यादों के निशाँ सब मिटा कर चले.!…
जाते इंसानों से नाराज़ ना रहते,
बाद सोचोगे “सागर” हैं क्यों चले.!!…
Posted on January 7, 2018, in Ghazals Zone. Bookmark the permalink. 3 Comments.
👏🏻👏🏻
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bahut khub likha hai
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kya baat kya baat kya baat sagar bhai ………..???
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