बातें.!!
तुझ संग दो चार बातें की थी,
तुझे समझने खुद को समझाने के लिए.!न नियत खराब न सोच गल्त,
न ख्वाहिश की कभी तुझे पाने के लिए.!!
Posted on December 16, 2017, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. 1 Comment.
तुझ संग दो चार बातें की थी,
तुझे समझने खुद को समझाने के लिए.!न नियत खराब न सोच गल्त,
न ख्वाहिश की कभी तुझे पाने के लिए.!!
Posted on December 16, 2017, in Shayari Khumar -e- Ishq. Bookmark the permalink. 1 Comment.
गर आप-सा साथी मिले किसे ज़िन्दगी की परवाह.!
ले चलना है जहाँ ले चलो हम तो हैं यूँ भी बेपरवाह.!!
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