Before Last Date…
जरुरत है एक हसीन हसीना की,
पांच फुट तीन इंच की,
कटीली-नशीली सांवली,
एम्.एसी.सी,बी.एड हो या,
कम भी चलेगी,
अमां चलेगी क्या दौड़ेगी…..मुंडा पंजाबी है ब्रह्मण भी,
जाति-पाती का झंझट नहीं,
फिर भी अपनी हो तो अच्छा,
चौबीस से कम हो पर
उन्नीस से ज्यादा,
वरना माँ के डण्डें में दम है ज्यादा…..शायरी ना करती हो,
कम-से-कम सुन तो सके,
चिड़ी-छिक्के की एकल खिलाडी न,
टीम क्रिकेट की करती हो पसंद,
घर-काम में हाथ बटा दे,
प्यार से पास बिठा रोटी खिला दे…..चक्कर लगा-लगा कर,
घर-आँगन हसीनों के,
जूतों संग पैर गिस चुके,
अब समझा जमाना बदला,
ऑनलाइन मिलता है सबकुछ,
क्यों न ऑनलाइन रिज्यूम मंगा लूँ…..ज़िन्दगी बड़ी बेज़ार गर,
साथी मनचाहा ना मिले,
होती उसी चमन बहार,
जहाँ बागवां प्यारा मिले,
‘सागर‘ दुलारी दिला दे,
बीवी इक प्यारी दिला दे…..
Posted on October 23, 2017, in Funny Poetry, Nagama-e-Dil Shayari. Bookmark the permalink. 14 Comments.
I agree! Its shows a high level of prudence and diligence.
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Welcome Sir.
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Thanks!!
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Again welcome Sir.
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Interesting. ..and funny too
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Thanks.
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Hahaha..very interesting !
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Thank u so much.
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Hahhaa, sir jaldi he aane shuru honge,wait kriye 🙂
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Welcome.
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Very funny..☺
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Thanks a lot.
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U r welcum
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My pleasure G.
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