Don’t Introduce Me!!
कुछ लोग दूसरों को INTRODUCE करने में खुद को महान समझते हैं,जबकि हक़ीक़त तो ये है कि “वो उस व्यक्ति की पहचान कम कर रहे हैं?”
और काम तो है नहीं बेचारों के पास दूजे को बर्बाद कर रहे हैं?
“वजूद वो जो इंसान खुद बनता है दूसरों से उधार ली ज़िंदगी या नाम ज़्यादा वक़्त तक साथ नहीं देता!”
“आप खुद क्या हैं यही आप की पहचान है?’
तो प्लीस जिन्हें आप अपना दोस्त समझ रहे हैं असल में वही आपके सबे बड़े दुश्मन का काम करते हैं जाने-अंजाने ही सही?
“खुद को तराशिए मुक़द्दर ज़रूर आपका साथ देगा और आप अर्श पर होंगे!”
तो कह दीजिए ऐसे से:-
Don’t Introduce Me!!
Posted on May 31, 2016, in Thought of the Day. Bookmark the permalink. 1 Comment.
Nice thought. 👍
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