तुझसे हसींन देखा नहीं आज तक.!!
तुझसे हसींन देखा नहीं आज तक,
आसमान से उतरी जैसे कोई परी.!
हर नक्श को खुदा ने जैसे तराशा,
धरती पर उतरी है खूबसूरत परी.!!
बिन पिए दुनियां हो चली शराबी,
आँखें हैं मतवाली नशेमन-सी.!
होंठों की कशिश सब को खींचती,
अब दीवानों की है क्या खराबी.!!
जो भी देखे वही क़ायल हुआ,
हुस्न-ए-जहां पर घायल हुआ है.!
लिखने लगा दिल की बातें,
हर शक़्श अब शायर हुआ है.!!
“सागर“करता हुस्न को सलाम,
मानता है तुझे खुदा का पैगाम.!
ना मिली क्या हाल हो अपना,
दिखने लगा है अपना अंजाम.!!
Posted on November 2, 2015, in Ghazals Zone. Bookmark the permalink. 6 Comments.
Very cool! Kisses!
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Thanks a lot,
U Like It?
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Yes, very much!
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Thanks Again.
U Want More?
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Maybe after… Now I’m going out! 😦 Kisses
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Okay & Thanks.
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